बृहस्पति ग्रह ज्ञान के कारक होते है।धनु और मीन ग्रह के स्वामी हैं।वृहस्पति ग्रह ख़राब होने से कौन कौन सी बीमारियां होती है?
कैसे होता गुरु खराब?
घर में हवा आने वाले रास्ते यदि खराब हैं तो गुरु भी खराब हो जाएगा।
दक्षिण का द्वार भी गुरु के खराब होने की निशानी है।
ईशान कोण यदि दूषित है तो गुरु भी खराब हो जाएगा।
कुछ लोग किसी बाबा या गुरु के प्रभाव में आकर अपने विचारों को दूषित कर लेते हैं।
कुछ लोग माला आदि पहने लग जाते हैं या दाढ़ी बढ़ा लेते हैं तो उनका गुरु खराब हो जाता है।
जिनके सिर पर चोटी के स्थान से बाल उड़ जाते हैं, तो समझो उनका गुरु खराब है।
आपका अपने पिता से विवाद चलता रहता है तो भी गुरु खत्म हो जाएगा।
व्यक्ति अकारण झूठ बोलता रहता है तो भी गुरु अपना अच्छा असर देना बंद कर देता है।
शराब पीने और मांस खाते रहने से भी कुंडली में गुरु नष्ट हो जाता है।
2, 5, 9, 12वें भाव में बृहस्पति के शत्रु ग्रह हों या शत्रु ग्रह उसके साथ हों तो बृहस्पति मंदा होता है।
यदि बृहस्पति कुंडली की उच्च राशि के अलावा 2, 5, 9, 12वें भाव में हो तो भी शुभ होता है, लेकिन लोग अपने कर्मों से इसे अशुभ कर लेते हैं।
बिना कारण शिक्षा रुक जाती है।
आंखों में तकलीफ होना, मकान और मशीनों की खराबी, अनावश्यक दुश्मन पैदा होना, धोखा होना, सांप के सपने आना भी गुरु खराब की निशानी हैं।
गुरु खराब होने की निशानी यह भी है कि आपका सोना खो जाता है या आप उसे गिरवी रख देते हैं या बेच देते हैं।
व्यक्ति के संबंध में व्यर्थ की अफवाहें उड़ाई जाती हैं।बेवजह बदनामी होती है।
उचित उपाय करके आप अपनी कुंडली के अनुसार आपने ग्रहो को ठीक कर सकते है और अपनी समस्या से छुटकारा पा सकते है।
कैसे होता गुरु खराब?
घर में हवा आने वाले रास्ते यदि खराब हैं तो गुरु भी खराब हो जाएगा।
दक्षिण का द्वार भी गुरु के खराब होने की निशानी है।
ईशान कोण यदि दूषित है तो गुरु भी खराब हो जाएगा।
कुछ लोग किसी बाबा या गुरु के प्रभाव में आकर अपने विचारों को दूषित कर लेते हैं।
कुछ लोग माला आदि पहने लग जाते हैं या दाढ़ी बढ़ा लेते हैं तो उनका गुरु खराब हो जाता है।
जिनके सिर पर चोटी के स्थान से बाल उड़ जाते हैं, तो समझो उनका गुरु खराब है।
आपका अपने पिता से विवाद चलता रहता है तो भी गुरु खत्म हो जाएगा।
व्यक्ति अकारण झूठ बोलता रहता है तो भी गुरु अपना अच्छा असर देना बंद कर देता है।
शराब पीने और मांस खाते रहने से भी कुंडली में गुरु नष्ट हो जाता है।
2, 5, 9, 12वें भाव में बृहस्पति के शत्रु ग्रह हों या शत्रु ग्रह उसके साथ हों तो बृहस्पति मंदा होता है।
यदि बृहस्पति कुंडली की उच्च राशि के अलावा 2, 5, 9, 12वें भाव में हो तो भी शुभ होता है, लेकिन लोग अपने कर्मों से इसे अशुभ कर लेते हैं।
बिना कारण शिक्षा रुक जाती है।
आंखों में तकलीफ होना, मकान और मशीनों की खराबी, अनावश्यक दुश्मन पैदा होना, धोखा होना, सांप के सपने आना भी गुरु खराब की निशानी हैं।
गुरु खराब होने की निशानी यह भी है कि आपका सोना खो जाता है या आप उसे गिरवी रख देते हैं या बेच देते हैं।
व्यक्ति के संबंध में व्यर्थ की अफवाहें उड़ाई जाती हैं।बेवजह बदनामी होती है।
उचित उपाय करके आप अपनी कुंडली के अनुसार आपने ग्रहो को ठीक कर सकते है और अपनी समस्या से छुटकारा पा सकते है।
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