शनि साढेसाती में शनि तीन राशियों पर गोचर करते है. तीन राशियों पर शनि के गोचर को साढेसाती के तीन चरण के नाम से भी जाना जाता है. अलग- अलग राशियों के लिये शनि के ये तीन चरण अलग - अलग फल देते है. शनि कि साढेसाती के नाम से ही लोग भयभीत रहते है. जिस व्यक्ति को यह मालूम हो जाये की उसकी शनि की साढेसाती चल रही है, वह सुनकर ही व्यक्ति मानसिक दबाव में आ जाता है. आने वाले समय में होने वाली घटनाओं को लेकर तरह-तरह के विचार उसके मन में आने लगते है. शनि क ी साढेसाती को लेकर जिस प्रकार के भ्रम देखे जाते है. वास्तव में साढेसाती का रुप वैसा बिल्कुल नहीं है. आईये शनि के चरणों को समझने का प्रयास करते है- साढेसाती चरण-फल विभिन्न राशियों के लिये साढेसाती का प्रथम चरण- वृ्षभ, सिंह, धनु राशियों के लिये कष्टकारी होता है. द्वितीय चरण या मध्य चरण- मेष, कर्क, सिंह, वृ्श्चिक, मकर राशियों के लिये अनुकुल नहीं माना जाता है. व अन्तिम चरण- मिथुन, कर्क, तुला, वृ्श्चिक, मीन राशि के लिये कष्टकारी माना जाता है. इसके अतिरिक्त तीनों चरणों के लिये शनि की साढेसाती निम्न रुप से प्रभाव डाल सकती है- प्रथम चरण इस चरणावधि में...
जिन्हे आधासीसी का दर्द रहता हे उन्हें चाहिए की सूर्य निकनले से पूर्व घर से गुड की एक डली लेकर निकले। चौराहे पर आकर पश्चिम की ओर मुख करके खड़े हो तथा गुड की आधी डली को मुंह से कई टुकड़े करके वही फेंक दे और घर आ जाये। सर दर्द समाप्त हो जायेगा।
आश्लेषा नक्षत्र में धतूरे की जड़ घर में रखने से सर्प का भय नहीं रहता पूर्वफल्गुनि नक्षत्र में बहेड़े का पत्ता लाकर घर में रखने से अभिचार प्रयोग का प्रभाव नहीं होता। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में नींबू की जड़ लाकर गाय के दूध में पीने से पुत्र होता है। हस्त नक्षत्र में चंपा की जड़ लाकर शिशु के गले में बांधने से नजर नहीं लगती है। अनुराधा नक्षत्र में चमेली कि जड़ को गले में बांधने से शत्रु मित्रवत व्यवहार करते है। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में तुलसी की जड़ लाकर मस्तक पर रखे तो अग्नि भय नहीं होता। भरणी नक्षत्र में नागर बेल का पत्ता लाकर कत्था लगाकर, सुपारी डालकर, चोरी वाले स्थान में रखें तो चोरी गई वस्तु का पता शीघ्र लगेगा। खच्चर का दांत जेब में या पर्स में रखने से व्यक्ति को कभी भी आर्थिक संकट नहीं झेलना पड़ता। काली बिल्ली का दांत ताबीज में धारण करने वाला व्यक्ति कभी भी संकटो का सामना नहीं करता। गधे का दांत यदि किसी के सिरहाने रख दिया जाये तो उसकी अनिंद्रा दूर हो जाती है।
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